Rajasthan ki pramukh dargah

राजस्थान की प्रमुख मस्जिद एवं दरगाह | Rajasthan ki pramukh dargah

आज हम राजस्थान के प्रसिद्ध ऐतिहासिक व सांस्कृतिक स्थलों में राजस्थान की प्रमुख मस्जिद एवं दरगाह (Rajasthan ki pramukh dargah) की बात करेंगे ।

Mosques and Dargahs of Rajasthan List in Hindi

1. ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह

  • हजरत शेख उस्मान हारुनी के शिष्य व भारत में सूती मत के चिश्ती सिलसिले के संस्थापक ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह सभी संप्रदाय के लोगों का आस्था स्थल है । दरगाह में हर वर्ष इस्लामी हिजरी केलेण्डर के अनुसार 1-6 रज्जब तक विशाल उर्स का आयोजन किया जाता है तथा भीलवाड़ा के गौरी परिवार द्वारा बुलंद दरवाजे पर झंडा चढ़ाने की रस्म बड़ी धूमधाम से पूरी की जाती है ।
  • ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह अजमेर में तारागढ़ की पहाड़ी की गोद में बनी हुई है ।
  • ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती का जन्म 1142 को संजर (ईरान) में हुआ था । इनके पिता का नाम हजरत ख्वाजा सैयद गयासुद्दीन व माता का नाम बीबी साहेनूर था । ये पृथ्वीराज चौहान के काल में भारत आए एवं अजमेर को अपनी कार्यस्थली बनाया । 1233 ई. में ख्वाजा साहब का इंतकाल हुआ । इन्होंने गुंजल असरार व अनीसुल अरवाह इनके द्वारा रचित पुस्तक हैं ।
  • 1464 ई. में मांडू के सुल्तान महमूद खिलजी के पुत्र सुल्तान गयासुद्दीन ने ख्वाजा साहब की पक्की मजार एवं उस पर गुम्बद बनवाया । मुख्य प्रवेश स्थान पर बुलंद दरवाजा का निर्माण करवाया । यह दरगाह की सबसे पुरानी इमारत है ।
  • गुलाम वंश के शासक इल्लुतमिश ने मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह का निर्माण करवाया तथा इस दरगाह में आने वाला पहला सुल्तान मोहम्मद बिन तुगलक था ।
  • अकबर ने प्रवेश द्वार के निकट अकबरी मस्जिद का निर्माण 1571 में करवाया ।
  • निजाम द्वार दरगाह का मुख्य प्रवेश द्वार है , जिसका निर्माण हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान द्वारा करवाया गया ।
  • यहाँ दो देग छोटी व बड़ी स्थित है । बड़ी देग बादशाह अकबर व छोटी देग जहाँगीर द्वारा तैयार करवाकर भेंट की गई थी । देग में पकाई गई सामग्री को मुक्त बाँटा जाता है जिसे तबर्रूक कहते हैं ।
  • मजार के भवन के मुख्य द्वार के बाहर बेगमी दालान है , जिसका निर्माण बादशाह शाहजहाँ की बेटी जहाँआरा द्वारा करवाया गया था ।
  • मुख्य मंजार के चारों और चांदी का कटहरा जयपुर के संस्थापक महाराज सवाई जयसिंह द्वारा बनाया गया था ।
  • शाहजहानी मस्जिद का निर्माण शाहजहाँ द्वारा 1638 ई. में करवाया गया था ।

2. अढ़ाई दिन का झोपड़ा

चौहान सम्राट बिसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) द्वारा निर्मित संस्कृत पाठशाला , जिसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने अढ़ाई दिन का झोपड़ा (एक मस्जिद) में परिवर्तित कर दिया ।

3. जामा मस्जिद (भरतपुर)

कौमी एकता की दूसरी यादगार इमारत जामा मस्जिद है , जिसका निर्माण कार्य महाराजा बलवंत सिंह ने प्रारंभ किया । जामा मस्जिद का प्रवेश द्वार फतेहपुर सीकरी के बुलंद दरवाजे के नक्शे पर बनाया गया है । यह मस्जिद लाल पत्थर की बनी हुई है ।

4. बाबा मीर साहब की दरगाह

बूँदी शहर में पूर्व दिशा में स्थित पहाड़ी पर यह पांच मीनार वाली दरगाह स्थित है ।

5. सैयद फखरूद्दीन की मस्जिद (गलियाकोट)

परमार राजाओं से संबंधित एवं माही नदी के तट पर स्थित यह स्थान वर्तमान में दाऊदी बोहरा संप्रदाय के सैयद फखरूद्दीन की मस्जिद के लिए प्रसिद्ध है । यहाँ हर वर्ष उर्स भरता है । गलियाकोट (डूँगरपुर) की गोबर के कंडों से खेली जाने वाली होली प्रसिद्ध है ।

6. संत मीठेशाह की दरगाह

आहू व कालीसिंध नदियों के संगम पर स्थित गागरोन दुर्ग (झालावाड़) के बहार सूफी संत मीठेशाह की दरगाह है ।

7. नरहड़ शरीफ की दरगाह

झुंझुनूँ जिले के चिड़ावा तहसील की एक प्राचीन कस्बे नरहड़ में बाबा शक्कर बार पीर की दरगाह स्थित है । बाबा शक्कर बार पीर को ‘बांगड़ का धणी’ व ‘हाजी बाबा’ भी कहा जाता है । प्रत्येक जन्माष्टमी पर इस दरगाह में मेला भरता है , जिसमें विभिन्न संप्रदाय के लोग बिना जातिगत भेदभाव के भाग लेते हैं । इस दरगाह में 3 दरवाजे – बुलंद, बसन्ती व बगली दरवाजा है ।

8. काकाजी साहिब की दरगाह

प्रतापगढ़ में स्थित इस दरगाह को ‘कांठल का ताजमहल’ कहा जाता है ।

9. जामा मस्जिद (शाही मस्जिद )

टोंक की ऐतिहासिक जामा मस्जिद का निर्माण टोंक राज्य के संस्थापक नवाब अमीरर खाँ पिंडारी ने शुरू कराया , जिसे उसके पुत्र नवाब वजीरूद्दौला ने पूरा किया । इसमें सोने की चित्रकारी का काम नवाब मोहम्मद इब्राहिम खाँ के समय करवाया गया ।

राजस्थान के अन्य मस्जिदें, दरगाहें , स्मारक व मकबरे

  • गमतागाजी की मीनार ➡ जोधपुर
  • नेहर खाँ की मीनार ➡ कोटा
  • सफदरजंग एवं फतह गुबंद ➡ अलवर
  • अकबर की मस्जिद ➡ आमेर (जयपुर)
  • नालीसा मस्जिद ➡ सांभर (जयपुर)
  • एक मीनार मस्जिद ➡ जोधपुर
  • दरगाह अधर शिला ➡ कोटा
  • चोटिला पीर ढुलेशाह की मीनार ➡ पाली
  • मलिक शाह पीर की दरगाह ➡ जालौर
  • नौगजा पीर साहब की दरगाह ➡ टोंक
  • गुलाब खाँ का मकबरा ➡ जोधपुर
  • अलाउद्दीन की मस्जिद ➡ जालौर
  • गुलाब कलंदर ➡ जोधपुर
  • उषा मस्जिद ➡ बयाना (भरतपुर)
  • खुदाबख्श बाबा की दरगाह ➡ सादड़ी (पाली)
  • अमीर अली शाह पीर की मस्जिद ➡ दूदू (जयपुर)
  • ख्वाजा फखरुद्दीन चिश्ती की दरगाह ➡ सरवाड़ (अजमेर )
  • हजरत ख्वाजा हिसामुद्दीन चिश्ती जिगर सोख्ता की मजार ➡ सांभर (जयपुर)
  • तना पीर की दरगाह ➡ मंडोर (जोधपुर)
  • घोड़े की मजार ➡ तारागढ़ दुर्ग (अजमेर)
  • अब्दुल्ला खाँ का मकबरा ➡ अजमेर
  • टूकड़ा का मकबरा ➡ किशनगढ़ (अजमेर )
  • अलाउद्दीन आलमशाह का मकबरा ➡ तिजारा (अलवर )
  • फतेहजंग का मकबरा ➡ अलवर
  • संत अब्दुल रसूल की मजार (अब्दुल्ला पीर ) ➡ भगवानपुरा (बाँसवाड़ा)
  • शाही जामा मस्जिद ➡ शाहाबाद (बाँरा)
  • नौगजा पीर की कब्र ➡ चित्तौड़गढ़ दुर्ग
  • गजरा का मकबरा ➡ धौलपुर
  • बीबी जरीना का मकबरा ➡ धौलपुर
  • जार जरीना मस्जिद ➡ धौलपुर
  • अब्वनशाह अलेही रहमा मकदूर पीर दरगाह ➡ सांचौर (जालौर)
  • कबीरशाह का मकबरा ➡ करौली
  • शाह-समद दीवान की दरगाह ➡ बड़ी खाटू (नागौर)
  • बड़े पीर की दरगाह ➡ नागौर
  • सुल्तानुतारकीन की दरगाह ➡ नागौर
  • सैयद मूसा शहीद दरगाह , अल्ला रक्खी बाई की मस्जिद , पीर बाग, कुमेदान शाह बाबा की दरगाह, मदारचिल्लाह ➡ प्रतापगढ़
  • पीर मस्तान की दरगाह ➡ सोजत (पाली)
  • मस्तान बाबा की दरगाह ➡ सुमेरपुर (पाली)
  • लैला मजनूँ की मजार ➡ अनूपगढ़ (श्रीगंगानगर)
  • चिल्ला शरीफ की मजार (तोपवाले बाबा) ➡ माछला मगरा पहाड़ी , उदयपुर
  • हजरत दीवान शाह की दरगाह ➡ कपासन (चित्तौड़गढ़ )
  • चलफिर शाह की दरगाह ➡ सावा (चित्तौड़गढ़ )
  • गूलर कालूदान की मीनार ➡ उम्मेद भवन (जोधपुर)
  • सैयद बादशाह की दरगाह ➡ शिवगंज (सिरोही)
  • बाड़िया दरगाह ➡ आसींद (भीलवाड़ा )
  • सैयद सदुरूद्दीन की दरगाह ➡ रणथम्भौर
  • हजरत शेखशाह की दरगाह ➡ दौसा

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