Mugalkalin Sahitya in Hindi

मुगल कालीन साहित्य

Mugalkalin Sahitya in Hindi

 बाबर के काल में साहित्य –

बाबरनामा या तुजुक ए बाबरी – बाबर ने अपनी आत्मकथा तुर्की भाषा में लिखी । इस पुस्तक में बाबर ने अपने जीवन की घटनाओं का सविस्तार वर्णन किया है ।

हुमायूं के काल में साहित्य –

  • तारीखे-ए-रशीदी – इसके लेखक मिर्जा हैदर दुग्गलत थे । इसकी भाषा फारसी है व इससे हुमायूँ के काल की घटनाओं की जानकारी प्राप्त होती है ।
  • हुमायूंनामा – इसकी लेखिका बाबर की लड़की गुलबदन बेगम है । इसमें हुमायूं व बाबर के इतिहास की जानकारी मिलती है ।
  • ताजकीरात-उल-वाकियात – इसके लेखक जौहर आफताबची हैं , इससे हुमायूं के जीवन के बारे में जानकारी मिलती है ।

शेरशाह के काल में साहित्य –

  • तवारीख-ए-दौलत-ए-शेरशाही – इसके लेखक हसन अली खाँ है । इससे शेरशाह के व्यक्तित्व व जीवन के बारे में उपयोगी जानकारी मिलती है ।
  • तारीख-ए-शेरशाही – अब्बास खान सरवानी द्वारा लिखित ग्रंथ जिससे शेरशाह के शासन प्रबंध की जानकारी मिलती है ।

अकबर के काल में साहित्य –

  • अकबरनामा – इस ग्रंथ की रचना अकबर के शासन काल में अबुल फजल ने की । यह पुस्तक तीन भागों में बँटी है । यह पुस्तक मुगल इतिहास को जानने का महत्वपूर्ण स्रोत है ।
  • आईन-ए-अकबरी – अकबरनामा पुस्तक का तीसरा भाग , इस नाम से जाना जाता है । इसकी रचना भी अबुल फजल ने की थी । इस पुस्तक में अकबर कालीन शासन प्रबंध का विस्तृत वर्णन है ।
  • तबकात-ए-अकबरी – इस ग्रंथ को निजामुद्दीन अहमद ने लिखा है ।
  • मुन्तखाब-उल-तवारीख – इस ग्रंथ की रचना अकबर काल में अब्दुल कादिर बदायूँनी ने की थी । बदायूँनी ने इस ग्रंथ में अकबर की धार्मिक नीति की आलोचना की है ।

जहांगीर के शासनकाल में साहित्य –

  • तुजुक-ए-जहांगीरी – इसकी रचना जहाँगीर ने की थी, जो उनकी आत्मकथा है ।
  • इकबालनामा-ए-जहांगीरी – इसकी रचना जहांगीर काल में मोतीमिद खान ने की थी ।

शाहजहां के काल में साहित्य –

  • पादशाहनामा – शाहजहाँ के शासनकाल में उसके तीन दरबारी इतिहासकारों अब्दुल हमीद लाहौरी, मुहम्मद अमीन कजवानी व मुहम्मद वारिस ने इस नाम से ग्रंथ की रचना की ।
  • सिर्र-ए-अकबर – इस ग्रंथ की रचना शाहजहाँ के पुत्र दारा ने की । इसमें 52 उपनिषदों का फारसी में अनुवाद किया गया है ।
  • शाहजहाँनामा – इस ग्रंथ की रचना इनायत खाँ ने की थी ।

औरंगजेब के शासनकाल का साहित्य –

  • मुन्तखाव-उ-लबाव या तारीख-ए-खफीखाँ – इसका लेखक हाशिम खफी था ।
  • दीवान-ए-मखफी – इस पुस्तक की रचना औरंगजेब की पुत्री जेबुन्निसा ने की ।
  • खुलासत-उल-तवारीख – इसके लेखक सुजानराय थे ।
  • फूतूहाते आलमगीरी – इसके लेखक ईश्वरदास थे ।
  • नुक्शा-ए-दिलकुशाँ – इसके लेखक भीमसेन थे ।

मुगल काल में हिंदी साहित्य –

मुगल काल में हिंदू मुस्लिम समन्वय की भावना का विकास हुआ । इस समय की रचनाओं में तुलसीदास की रामचरितमानस , विनय पत्रिका, दोहावली, पार्वती मंगल, गीतावली तथा सूरदास का सूरसागर , केशवदास की कवि प्रिया, रसिक प्रिया और अलंकार मंजरी आदि प्रमुख है ।

रसखान की प्रेम वाटिका , सुंदर कविराय की सुंदर श्रृंगार , सेनापति की कवित्त रत्नाकर , कविंद्र आचार्य की कविंद्र कल्पतरु आदि साहित्य हिंदी साहित्य है ।

मुगल काल में संस्कृत साहित्य –

मुगल काल में संस्कृत फारसी का पहला शब्दकोश “पारसी प्रकाश ” लिखा गया । जहांगीर के राजकवि जगन्नाथ पंडित ने “रस गंगाधर” व “गंगा लहरी” की रचना की ।

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