Rajasthan mein parivahan
- राज्य में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय सड़कों की स्थिति काफी असंतोषजनक थी । वर्ष 1949 में सड़कों की कुल लंबाई 13553 किलोमीटर थी । उस समय सड़कों का घनत्व मात्र 3.96 किमी प्रति 100 वर्ग किमी था । जो मार्च 2019 तक बढ़कर 2,64,244.05 किमी हो गई । राज्य में सड़कों का घनत्व 31 मार्च 2019 तक 77.21 किमी प्रति 100 वर्ग किमी है , जबकि राष्ट्रीय घनत्व 143.08 है ।
- वर्तमान में 47 राष्ट्रीय उच्च राजमार्ग है जिनकी कुल लंबाई 10500.67 km है ।
- वर्तमान में 163 राज्य उच्च राजमार्ग हैं जिनकी कुल लंबाई 15517 .51 km है ।
- वर्तमान में 180 मुख्य जिला सड़क है जिनकी लंबाई 8757.75 km है ।
- अन्य जिला सड़के 53431.63 km तथा ग्रामीण सड़कें 175937.49 km है ।
राज्य में सड़कों की स्थिति-
सड़कों की लंबाई – 2,64,244.05 किमी ( आर्थिक समीक्षा 2019 – 20) सड़क घनत्व – 77.21 km ( प्रति 100 वर्ग किलोमीटर ) राष्ट्रीय घनत्व – 143.08 km सर्वाधिक लंबी सड़कों वाला जिला – बाड़मेर न्यूनतम सड़क वाला जिला – धौलपुर सड़कों से जुड़े सर्वाधिक गांव वाला जिला – गंगानगर सड़कों से जुड़े न्यूनतम गांव वाला जिला – सिरोही सड़कों से जुड़े सर्वाधिक पंचायत मुख्यालय वाला जिला – उदयपुर सड़कों से जुड़े न्यूनतम पंचायत मुख्यालय वाला जिला – जैसलमेर सड़कों का सर्वाधिक घनत्व – राजसमंद सड़कों का न्यूनतम घनत्व – जैसलमेर सबसे बड़ा राज्य उच्च मार्ग – SH-1 (433 km) सबसे छोटा राज्य उच्च मार्ग – SH-111A (8 km) राज्य में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या (NH) – 47 राष्ट्रीय राजमार्गों की राज्य में लंबाई – 9079.10 km राजस्थान में सर्वाधिक लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग – NH-15 (845.25 km) राजस्थान में सबसे छोटा राष्ट्रीय राजमार्ग – NH 71B (5 किलोमीटर ) राजस्थान का सबसे व्यस्ततम राष्ट्रीय राजमार्ग – NH 8 सर्वाधिक जिलों से गुजरने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग – NH 11 व 76 (7 जिले) |
परिवहन जिले – परिवहन सेवाओं के सुचारू रूप से संचालन एवं परिवीक्षण हेतु राज्य को परिवहन की दृष्टि से 12 संभागों एवं 53 जिलों में विभाजित किया गया है । प्रादेशिक परिवहन अधिकारियों के मुख्यालय एवं उनके अंतर्गत आने वाले परिवहन जिले निम्नानुसार है –
क्षेत्र | जिलों की संख्या | परिवहन जिला |
जयपुर | 5 | जयपुर, दूदू ,कोटपुतली, चौमू ,शाहपुरा |
दौसा | 3 | दौसा, सवाई माधोपुर, करौली |
सीकर | 4 | सीकर, झुंझुनू ,चूरू, सुजानगढ़ |
अजमेर | 7 | अजमेर, टोंक, नागौर, ब्यावर, डीडवाना, किशनगढ़ ,केकड़ी |
अलवर | 3 | अलवर, भिवाड़ी ,शाहजहांपुर |
भरतपुर | 2 | भरतपुर, धौलपुर |
जोधपुर | 5 | जोधपुर, बाड़मेर ,जैसलमेर, बालोतरा, फलोदी |
पाली | 5 | पाली, सिरोही, जालौर ,आबू रोड, भीनमाल |
उदयपुर | 5 | उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद ,रतनपुर |
चित्तौड़गढ़ | 4 | चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, भीलवाड़ा, शाहपुरा |
कोटा | 5 | कोटा, बूंदी, झालावाड़, बाराँ, राजगंजमंडी |
बीकानेर | 5 | बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, नोहर, नोखा |
सड़क विकास कार्य में लगी संस्थाएँ
(1) राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम , जयपुर
स्थापना- 1 अक्टूबर 1964
राज्य में पथ परिवहन के विकास एवं सेवा उपलब्ध करवाने के लिए किफायती व सुविधाजनक पथ परिवहन हेतु ।
(2) राजस्थान राज्य सड़क विकास एवं निर्माण निगम लिमिटेड
स्थापना- 8 फरवरी 1979
राजस्थान स्टेट ब्रिज लिमिटेड की स्थापना एक सार्वजनिक कंपनी के रूप में 8 फरवरी 1979 को हुई । 19 फरवरी 2001 को नाम परिवर्तित राजस्थान सड़क विकास एवं निर्माण निगम कर दिया गया । इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य आधुनिक पूलों, सड़कों तथा भवनों के निर्माण को करना है ।
(3) रिडकोर ( Road Infrastructure Development Co. of Rajasthan )
स्थापना – अक्टूबर 2004
राजस्थान सरकार व इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग व फाइनेंशियल सर्विसेज की 50 : 50 की भागीदारी से गठित सयुक्त उपक्रम जुलाई 2005 से मेगाहाईवे परियोजना का क्रियान्वयन कर रहा है ।
राजस्थान की सड़क योजनाएँ
राजस्थान राज्य मार्ग अधिनियम 2016 ➡ विधानसभा द्वारा पारित कर दिनांक 8 मई 2015 से लागू किया गया ।
राजस्थान राज्य राजमार्ग विकास परियोजना ➡ राज्य में राज्य राजमार्गों को पीपीपी एन्यूटी के आधार पर विकसित करने हेतु इस परियोजना का निर्माण किया गया ।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना ➡ 250 से अधिक आबादी क्षेत्रों को सड़कों से जोड़ना ।
नाबार्ड ग्रामीण विकास आधारभूत ढांचा विकास निधि ( RIDF) ➡ 250 से 499 आबादी के क्षेत्रों को सड़क से जोड़ना ।
ग्रामीण गौरव पथ योजना ➡ वर्ष 2014-15 में योजना प्रारंभ की गई । इस योजना के तहत आगामी 3 वर्षों में प्रत्येक पंचायत मुख्यालय पर 0.5 से 2 किमी की एक सड़क को ग्रामीण गौरव पथ के रूप में मय नाली निर्माण विकसित किया जाना है ।
राजस्थान सड़क क्षेत्र आधुनिक करण परियोजना ➡ वर्ष 2013-14 में विश्व बैंक वित्तपोषित यह नवीन परियोजना प्रारंभ की गई थी ।
मुख्यमंत्री सड़क योजना ➡ यह योजना 7 अक्टूबर 2005 को शुरू की गई । इस योजना में राज्य में प्रमुख धार्मिक व पर्यटन स्थलों को जोड़ने हेतु 1000 किलोमीटर सड़कों का निर्माण हो रहा है । प्रत्येक जिले में एक आदर्श सड़क (मॉडल रोड) का विकास किया है ।
राष्ट्रीय राजमार्ग विकास परियोजना (NHDP) ➡ इस योजना के अंतर्गत स्वर्णिम चतुर्भुज , पूर्व -पश्चिम कॉरोडोर व उत्तर- दक्षिण कॉरिडोर पर 4 या 6 लेन सड़क का कार्य भारत सरकार के भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा करवाया जा रहा है । यह योजना 1999-2000 से संचालित है तथा इसका वित्त पोषण केंद्रीय सड़क निधी, विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक व जेबीआईसी (जापान) द्वारा किया जा रहा है ।
हरित सड़क योजना ➡ राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में हरित सड़क योजना के तहत राज्य राजमार्ग / मुख्य जिला सड़कों को डब्ल्यूबीएम स्तर पर चौड़ाईकरण/ सुदृढ़कीरण हेतु 7800.11 km लंबाई में कार्य कराया जाएगा तथा सड़कों पर पेड़ लगाए जाएंगे ।
देवनारायण योजना ➡ देवनारायण योजनान्तर्गत अलवर, धौलपुर, झालावाड़, करौली व सवाई माधोपुर जिलों में गुर्जर बाहुल्य क्षेत्रों में पिछड़ेपन के आधार पर वर्ष 2001 की जनसंख्या के आधार पर 250-499 आबादी के गांव को ग्रेवल सड़क से जोड़ा जाना प्रस्तावित है ।
चेतक परियोजना ➡ यह राज्य के सीमावर्ती इलाकों – बीकानेर, जोधपुर, जैसलमेर, बाड़मेर व गंगानगर आदि में सामरिक महत्व की सीमावर्ती सड़कें बनाने की सीमा सड़क संगठन की परियोजना है ।
रेल परिवहन
- राजस्थान में प्रथम रेल की शुरुआत जयपुर रियासत में आगरा फोर्ट से बांदीकुई के बीच अप्रैल 1874 में हुई । आजादी से पूर्व बीकानेर व जोधपुर रियासतों ने सर्वप्रथम अपने निजी रेलमार्ग स्थापित किये । 11 अगस्त 1879 अजमेर में लोको कारखाना स्थापित किया गया जिसमें 1895 में पहला लोको इंजन बनकर तैयार हुआ ।
- राजस्थान में मार्च 2018 तक रेल मार्ग की कुल लंबाई 5929 km है ,जो देश के रेल मार्ग की कुल लंबाई का 8.66% है । रेल मार्ग की लंबाई की दृष्टि से राजस्थान का भारत में 12वां स्थान है ।
- 13 जुलाई 2018 को बीकानेर से बिलासपुर के बीच राजस्थान की पहली अंत्योदय सप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई ।
- रेलवे को हमारे संविधान में संघ सूची का विषय बनाया गया है । रेल विकास का समग्र दायित्व केंद्र सरकार के अंतर्गत रेल मंत्रालय का है ।
- राजस्थान में वर्तमान में दो रेलवे जोन में 5 मंडल कार्यालय है । भारत में 17 रेलवे जोन है ।
उत्तर- पश्चिमी रेलवे ➡ 14 जून 2002 को राजस्थान में बनाया गया नया रेलवे जोन । इसका मुख्यालय जयपुर में स्थित है । इसमें राज्य के चार रेल मंडल जयपुर, अजमेर ,बीकानेर व जोधपुर शामिल किए गए हैं ।
पश्चिमी- मध्य रेलवे जोन ➡ राज्य का कोटा मंडल इस जोन के अंतर्गत आता है । पश्चिमी मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय जबलपुर है ।
भारतीय रेल अनुसंधान एवं परीक्षण केंद्र ➡ इस केंद्र का निर्माण पचपद्रा (बाड़मेर) में किया जा रहा है । जहां पर तेज गति से चलने वाली ट्रेनों का परीक्षण किया जाएगा ।
सीमको वैगन फैक्ट्री, भरतपुर ➡ सीमको की स्थापना 1957 में हुई थी । नवंबर 2000 में यहाँ तालाबंदी हो गई थी जिसे 9 अक्टूबर 2008 को पुन: चालू किया गया ।
पश्चिमी रेलवे क्षेत्रीय प्रशिक्षण केंद्र, उदयपुर ➡ यह केंद्र 9 अक्टूबर 1965 को स्थापित किया गया । इस केंद्र में भारत का सबसे बड़ा रेलवे मॉडल कक्ष है ।
रतलाम- बांसवाड़ा- डूंगरपुर रेल लाइन ➡ इस रेल लाइन के निर्माण के लिए रेलवे बोर्ड तथा राज्य सरकार के बीच एमओयू साइन हुआ । इस रेलवे लाइन के लिए राज्य सरकार भूमि उपलब्ध करवा रही है ।
जयपुर मेट्रो रेल परियोजना –
- जयपुर शहर में आवागमन सुविधा बढ़ाने हेतु मेट्रो रेल परियोजना की शुरुआत की गई है । इसकी क्रियान्विती हेतु राज्य सरकार ने पूर्ण स्वामित्व वाली जयपुर मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (JMRC) का पंजीकरण 1 जनवरी 2010 को कंपनी अधिनियम 1956 के अंतर्गत किया गया है । जयपुर मेट्रो प्रोजेक्ट 12 नवंबर 2010 को शिलान्यास व कार्य प्रारंभ हो गया है ।
- शहरी विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 27 नवंबर 2015 को जयपुर मेट्रो रेल परियोजना (फेज-1A) को बेस्ट अरबन मास ट्रांजिट प्रोजेक्ट कैटेगरी में “Commendable Emerging Initiative” के रूप में विशेष अवार्ड प्रदान किया गया है ।
वायु परिवहन
- भारतीय संविधान में विमानपत्तन को संघ सूची का विषय बनाया गया है । वायुमार्ग व आवश्यक सुविधाओं के विकास विस्तार का दायित्व पूर्णत: केंद्रीय सरकार के नियंत्रण में है ।
- राजस्थान में वर्तमान में कुल 10 एयरपोर्ट एवं 22 हवाई पट्टियां है ।
- जयपुर, कोटा एवं उदयपुर एयरपोर्ट , एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया के तथा पाँच एयरपोर्ट क्रमश: बीकानेर, जोधपुर, सूरतगढ़, जैसलमेर एवं बाड़मेर भारतीय वायुसेना के हैं ।
- जैसलमेर में राज्य का पांचवा सिविल एयरपोर्ट बनाया जा रहा है ।
- बाड़मेर में उत्तर लाई वायु सेना हवाई अड्डा एवं बीकानेर में लाल हवाई अड्डा है जो भूमिगत सैनिक हवाई अड्डा है ।
- सांगानेर स्थित जयपुर हवाई अड्डे को 29 दिसंबर 2005 को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा दिया गया है । यह देश का 14वां अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा हो गया है ।
- 20 दिसंबर 2006 को नागर विमानन निगम की स्थापना राज्य में की गई ।
पहला एयरोट्रोपोलिस एयरपोर्ट ➡ अलवर जिले के कोटकासिम में प्रदेश का पहला “एयरोट्रोपोलिस” एयरपोर्ट बनेगा । इस एयरपोर्ट में कार्गो व यात्री हवाई जहाज उतर सकेंगे । यह राजस्थान का पहला अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा जिसमें कार्गों व यात्री हवाई जहाज उतरने की सुविधाएं होगी ।
ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट ➡ शिवदासपुरा (जयपुर) के पास 20 गांव की जमीन पर प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए सरकार 2100 हैक्टेयर जमीन अवाप्त करने वाली है ।
किशनगढ़ के निर्माणाधीन हवाई अड्डे को संचालन के लिए अंतरराष्ट्रीय कोड मिल गया है । इसे VIKG नाम दिया गया है । इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन ने यह कोड दिया है ।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 18 अगस्त 2017 को कोटा हवाई अड्डे से कोटा जयपुर intra-state हवाई सेवा का शुभारंभ किया ।