Maharaja Ganga Singh History in Hindi

महाराजा गंगासिंह (Maharaja Ganga Singh History in Hindi) का इतिहास

आज हम बीकानेर राज्य के राठौड़ वंश में महाराजा गंगासिंह (Maharaja Ganga Singh History in Hindi) के इतिहास की बात करेंगे ।

महाराजा गंगासिंह (1887-1943 ई.)

  • महाराजा गंगासिंह का जन्म 13 अक्टूबर 1880 को हुआ और वे अपने ज्येष्ठ भ्राता महाराजा डूँगरसिंह का स्वर्गवास होने पर 31 अगस्त 1887 को बीकानेर के राज्य सिंहासन पर बैठे ।
  • महाराजा गंगासिंह ने प्रजाव्रतिनों वयम् आदर्श का पालन किया ।
  • महाराजा गंगासिंह को ‘आधुनिक बीकानेर का निर्माता’ कहा जाता है ।
  • इन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय में आर्थिक सहयोग दिया ।
  • अजमेर के मेयो कॉलेज के पंडित रामचंद्र दुबे को महाराजा गंगासिंह का शिक्षक नियुक्त किया गया ।
  • दिसंबर, 1891 में सर्वप्रथम राजधानी बीकानेर में रेल्वे का प्रारंभ हुआ तथा राजपूताने का सबसे बड़ा रेल मार्ग बना । उसी समय बीकानेर राज्य में तार का सिलसिला आरंभ हुआ ।
  • 1891 में इमारतें, सड़के आदि बनाने के लिए बीकानेर में पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट स्थापित हुआ ।
  • 1894-95 ई. में भूमि का बंदोबस्त होकर किसानों से लिया जाने वाला लगान निश्चित कर दिया गया ।
  • 1896 ई. में राज्य में पलाना में कोयले की खान का पता लगा , जिससे 1898 ईस्वी में कोयला निकालने का काम शुरू हुआ ।
  • ब्रिटिश साम्राज्य की सहायता के लिए ‘कैमल कोर’ (ऊँटों का रिसाला) भर्ती किया गया , जो महाराजा गंगासिंह के नाम पर ‘गंगा रिसाला’ भी कहलाता था ।
  • महाराजा गंगासिंह ने 1898 ईसवी में देवली की छावनी में कुछ समय तक सैनिक शिक्षा प्राप्त की ।
  • 1898 में महाराजा गंगासिंह की आयु 18 वर्ष की होने पर राजपूताना के एजीजी सर ऑर्थर मार्टिंडेल ने 16 दिसंबर 1898 को बीकानेर में आयोजित एक बड़े दरबार में बीकानेर राज्य का संपूर्ण अधिकार सौंपा ।
  • 1899-1900 में राज्य में भीषण अकाल (छप्पनिया अकाल) पड़ा । अकाल राहत कार्यों के तहत गजनेर की झील खुदवाई गई । संपूर्ण देश में गंगासिंह ही एकमात्र ऐसे राजा थे जिन्होंने अकाल राहत कार्यों का स्वयं संचालन किया । राहत कार्यों हेतु ब्रिटिश सरकार ने उन्हें ‘केसर ए हिंद’ की उपाधि प्रदान की ।
  • 31 मई 1901 को लंदन में हुए सम्राट एडवर्ड सप्तम के राज्याभिषेक में महाराजा स्वयं सम्मिलित हुए । प्रिंस ऑफ वेल्स ने इन्हें अपना ए.डी.सी. बनाया ।
  • 1900-01 में चीन में बॉक्सर युद्ध का सूत्रपात हुआ । इस युद्ध में महाराजा गंगासिंह ‘गंगा रिसाला’ सहित स्वयं भी गए । पिटांग के किले की विजय तथा पार्टिगफू की चढा़ई में इस सेना ने वीरता पूर्वक शत्रु का सामना किया । महारानी ने उन्हें के.सी.आई की उपाधि तथा चाइना वार मेडल से सम्मानित किया ।
  • 24 नवंबर 1902 को भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल लार्ड कर्जन बीकानेर आए । इस अवसर पर लॉर्ड कर्जन द्वारा कर्जन बाग व विक्टोरिया मेमोरियल क्लब का उद्घाटन किया गया तथा लेडी कर्जन द्वारा जनाना अस्पताल की नींव रखी गई ।
  • गंगासिंह ने गंगा रिसाला के सैनिक सोमालीलैंड (अफ्रीका महाद्वीप ) में मोहम्मद बिन अब्दुल्लाह (पागल मुल्ला) से युद्ध करने भेजें ।
  • 24 नवंबर 1905 को प्रिंस ऑफ वेल्स (सम्राट जार्ज पंचम ) व प्रिंसेस मेरी के साथ बीकानेर आए तथा उन्होंने ‘प्रिंस जॉर्ज मेमोरियल हॉल’ का शिलान्यास किया ।
  • गंगासिंह ने बीकानेर में अपने पिता की स्मृति में लालगढ़ महल (1902-26) का निर्माण करवाया ।
  • 1910 में महाराजा गंगासिंह ने बीकानेर में स्वतंत्र न्यायपालिका की स्थापना की । राजपूताने में यह प्रथम राज्य था जिसने कार्यपालिका और न्यायपालिका को पृथक् किया ।
  • 1912 ईस्वी में महाराजा गंगासिंह ने अपने शासन के रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में हिंदी को अपनी सरकारी कामकाजी भाषा बनाया । यह आदेश 1914 में पूर्ण रूप से लागू हुआ ।
  • 1912 ईस्वी में गंगासिंह ने बीकानेर में गंगा निवास उद्यान का निर्माण करवाया जो वर्तमान में पब्लिक पार्क के नाम से जाना जाता है । इसका उद्घाटन 1915 में भारत के तत्कालीन वायसराय एवं गवर्नर जनरल लॉर्ड हार्डिंग्स ने किया ।
  • 10 नवंबर 1913 को प्रजा प्रतिनिधि सभा (पिपुल्स रिप्रेजेन्टेटिव असेंबली) की स्थापना की गई ।
  • महाराजा गंगासिंह प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटिश इम्पीरियल वार कैबिनेट के एकमात्र ‘non-White’ सदस्य थे ।
  • 1919 ईस्वी में महाराजा गंगासिंह व सर सत्येंद्र प्रसाद सिन्हा ने प्रथम विश्व युद्ध के बाद पेरिस शांति सम्मेलन में भाग लिया ।
  • 8 फरवरी 1921 को दिल्ली में भारतीय नरेशों को साम्राज्य का भागीदार बनाने के लिए ‘नरेंद्र मंडल’ की स्थापना की । इस अवसर पर महाराजा गंगासिंह भी दिल्ली गए ,जहाँ ये नरेंद्र मंडल के प्रथम चांसलर बनाए गए ।
  • 11 अक्टूबर 1921 को जमींदार-परामर्शिणी सभा की स्थापना की ।
  • सितंबर 1924 में महाराजा गंगासिंह ने जिनेवा में ‘लीग ऑफ नेशंस’ के अधिवेशन में भाग लिया ।
  • 1922 ईस्वी में महाराजा गंगासिंह ने बीकानेर में उच्च न्यायालय की स्थापना की ।
  • राज्य में सतलज नदी से नहर लाने की योजना की आधारशिला फिरोजपुर हैडवर्क्स पर 5 सितंबर 1921 को महाराजा गंगासिंह द्वारा रखी गई । 1927 में इसका कार्य पूर्ण हुआ तथा 26 अक्टूबर 1927 को वॉयसराय लॉर्ड इरविन द्वारा शिवपुर हैडवर्क्स पर गंग नहर का उद्घाटन किया गया । यह नहर फिरोजपुर (पंजाब) के निकट हुसैनीवाला में सतलज नदी से निकाली गई है ।
  • 12 नवंबर 1930 को लंदन में इंग्लैंड सम्राट ने प्रथम गोलमेज सम्मेलन का उद्घाटन किया । इसमें भारतीय रियासतों के प्रतिनिधि के रूप में अलवर से जयसिंह तथा बीकानेर से गंगासिंह ने भाग लिया ।
  • 1931 ईस्वी में दूसरे गोलमेज सम्मेलन में गंगासिंह ने भाग लिया ।
  • 12 मार्च 1937 को अपने छोटे पुत्र स्व. विजयसिंह की स्मृति में महाराजा गंगासिंह ने ‘प्रिंस विजयसिंह मेमोरियल जनरल हॉस्पिटल’ का उद्घाटन उदयपुर महाराणा भूपाल सिंह के हाथों करवाया ।

गंगा गोल्डन जुबली म्यूजियम :- बीकानेर में यह म्यूजियम महाराजा गंगासिंह के शासन के 50 वर्ष पूरे होने की स्मृति में बनाया गया । 5 नवंबर 1937 को इसका उद्घाटन वॉयसराय लॉर्ड लिनलिथगो ने किया ।

  • महाराजा गंगासिंह ने ‘गंगा निवास दरबार हॉल’‘विक्रमनिवास दरबार हॉल’ बनवाया ।
  • महाराजा गंगासिंह जी ने रामदेवरा में रामदेव पीर का वर्तमान मंदिर 1931 में बनवाया ।
  • बीकानेर विश्वविद्यालय का नाम उनके नाम पर महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय रखा गया है ।
  • 17 दिसंबर 1933 को बीकानेर षड्यंत्र केस दिवस मनाया गया ।
  • महाराजा गंगासिंह ने चित्रकार इलाहीबख्श उस्ता को आश्रय प्रदान किया ।
  • अल्लाह जिल्ला बाई (मांड गायिका) को महाराजा गंगासिंह ने आश्रय प्रदान किया ।
  • महाराजा गंगासिंह प्रिवीपर्स तथा सिविल लिस्ट पद्धति लागू करने वाले प्रथम नरेश थे ।
  • 2 फरवरी 1943 को महाराजा गंगासिंह का बम्बई में निधन हो गया ।

महाराजा सादुल (शार्दूल) सिंह का इतिहास

  • महाराजा सादुल (शार्दूल) सिंह का जन्म 7 सितंबर 1902 को हुआ । ये अपने पिता महाराजा गंगासिंह के बाद बीकानेर राज्य के शासक बने ।
  • महाराजा शार्दूल सिंह बीकानेर रियासत के अंतिम शासक थे ।
  • इन्हीं के समय बीकानेर रियासत का राजस्थान में विलीनीकरण हुआ ।
  • इन्होंने विवाह निमंत्रण कर व उत्तराधिकार कर समाप्त किए । ये द्वितीय विश्व युद्ध में बीकानेर की सेनाओं के निरीक्षण के लिए बर्मा व ईरान गए ।
  • 26 अक्टूबर 1944 को बीकानेर दमन विरोधी दिवस मनाया गया , जो राज्य का प्रथम सार्वजनिक प्रदर्शन था ।
  • 22 जुलाई 1946 को प्रजा परिषद स्थापना दिवस मनाया गया ।
  • अप्रैल 1947 को केंद्रीय संविधान सभा में राजस्थान की ओर से सम्मिलित होने वाला बीकानेर प्रथम राज्य था । महाराजा शार्दूल सिंह ने के.एम.पन्नीकर को बीकानेर राज्य के प्रतिनिधि के रूप में संविधान निर्मात्री सभा के लिए मनोनीत किया ।

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य :-

पंचपाना :- महाराजा शार्दूल सिंह की मृत्यु के बाद उसके पांच पुत्रों द्वारा बीकानेर राज्य को बराबर हिस्सों में बांटना ।

मोरूस आला :- इसके तहत यदि कोई व्यक्ति नि:संतान मर जाता और उसकी सात पीढी तक उसका कोई कुटुम्बी न होता तो उसकी सारी संपत्ति राज्य में मिला दी जाती थी , लेकिन महाराजा गंगा सिंह ने इसे समाप्त कर दिया ।

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