Bappa Rawal

Bappa Rawal History in Hindi । बप्पा रावल का इतिहास

राजपूत राजवंशों की उत्पत्ति में आज हम गुहिल/गहलोत/सिसोदिया वंश की बात करेंगे । इसमें हम आपको बप्पा रावल (Bappa Rawal) के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएंगे ।

बप्पा रावल का इतिहास ( Bappa rawal History in Hindi)

बप्पा रावल ( 734-753 ई.)

  • यह मेवाड़ राज्य का प्रतापी शासक था । इसे मेवाड़ राज्य का वास्तविक संस्थापक भी कहा जाता है ।
  • इसका मूल नाम कालभोज था । बप्पा तो इसका विरूद्ध था ।
  • अपराजित के बाद महेंद्र द्वितीय मेवाड़ के सिंहासन पर विराजमान हुआ तथा इसके बाद इसका पुत्र ‘कालभोज’ ,जिसे बापा कहा जाता है, मेवाड़ का अधिपति बना ।
  • बप्पा रावल का शासनकाल 734 ई. से 753 ई. तक माना जाता है ।
  • बप्पा के इष्ट देव एकलिंगजी थे और एकलिंग जी के मुख्य पुजारी हारीत ऋषि के आशीर्वाद से सन् 734 ई. में बप्पा रावल ने मौर्य राजा मानमोरी से चित्तौड़ दुर्ग जीता ।
  • बप्पा रावल प्रथम गुहिल शासक था जिसने मेवाड़ में सोने के सिक्के चलाएं । स्वर्ण सिक्कों का वजन 115 ग्रेन है । सिक्कों पर शैव धर्म के चिन्हों के अंकन से ज्ञात होता है कि बापा रावल शैव धर्म के अनुयायी थे ।
  • उनके गुरु ऋषि हारित पाशुपात संप्रदाय के साधु थे । अत: बप्पा ने संप्रदाय के एकलिंग जी को अपना आराध्य देव बनाया तथा उनका मंदिर कैलाशपुरी में बनवाया ।
  • बापा ने एकलिंगजी को मेवाड़ का राजा तथा स्वयं को उनका दीवान घोषित किया । उस समय गुहिलों की राजधानी नागदा ही रही ।
  • नागदा (उदयपुर) में बप्पा का निधन हुआ, यही बप्पा का समाधि स्थल है ।
  • सी.वी.वैद्य ने बप्पा की तुलना चार्ल्स मार्टल से की है ।
  • बप्पा को “रावल” की उपाधि हारित ऋषि ने दी थी ।
  • आटपुर के लेख में कालभोज (बप्पा) को सूर्य के समान तेजस्वी एवं आबू अभिलेख में अपने वंश के शाखा में मुकुटमणि के सदृश्य बताया है ।
  • बापा ने संभवत: 753 ई. में सन्यास ग्रहण कर शासन अपने पुत्र खुमाण प्रथम को संभला दिया था ।

FAQ’s

बप्पा रावल कौन से वंश के थे ?

बप्पा रावल गुहिल वंश के प्रथम प्रतापी शासक थे ।

बप्पा रावल के पुत्र कौन कौन थे ?

बप्पा रावल का पुत्र खुमाण था ।

बप्पा रावल की तलवार का वजन कितना था ?

बप्पा रावल की तलवार का वजन लगभग 32 किलो था ।

बप्पा रावल के पिता कौन थे ?

बप्पा रावल के पिता महेंद्र द्वितीय थे ,जो अपराजित पुत्र थे ।

बप्पा रावल की मृत्यु कैसे हुई ?

बप्पा रावल की मृत्यु 97 वर्ष की उम्र में नागदा (उदयपुर ) में हुई ।

कालभोज को बप्पा रावल की उपाधि किसने दी ?

बप्पा को “रावल” की उपाधि हारित ऋषि ने दी थी ।

बप्पा रावल की हाइट कितनी थी ?

बप्पा रावल की हाइट लगभग 8 से 9 फीट थी ।

बप्पा रावल की कितनी पत्नियां थी ?

बप्पा रावल की 100 पत्नियां थी जिसमें से 35 मुस्लिम रानियां थी ।

बप्पा रावल का उत्तराधिकारी कौन था ?

बप्पा रावल का उत्तराधिकारी उसका पुत्र खुमाण प्रथम था ।

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