राजस्थान में कृषि तथा कृषि रिपोर्ट 2020

राजस्थान में कृषि (rajasthan ki krishi GK Question In Hindi)

राजस्थान का कुल क्षेत्रफल 3,42,239 वर्ग किलोमीटर है । यहाँ की लगभग 70% जनसंख्या कृषि पर आधारित है । राजस्थान में देश का 11% क्षेत्र कृषि योग्य भूमि है और राज्य में 50% सकल सिंचित क्षेत्र है जबकि 30% शुद्ध सिंचित क्षेत्र है ।

????राज्य में कृषि को “मानसून का जुआ” कहा जाता है ।

Rajasthan ki krishi GK Notes in Hindi

rajasthan ki krishi GK
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राजस्थान में कृषि के प्रकार

1. झूमिंग कृषि

???? इस प्रणाली में वन अादि को जलाकर पहले भूमि को साफ कर लिया जाता है ।

????राजस्थान में वालरा कहा जाता है ।

????यह कृषि राजस्थान में भीलों व आदिवासियों के द्वारा की जाती है ।

????यह कृषि राजस्थान में दक्षिणी- पूर्वी पहाड़ी प्रदेश डूँगरपुर, उदयपुर तथा बाँसवाड़ा में की जाती है ।

2. सिंचाईं द्वारा कृषि –

????जहाँ सिंचाई द्वारा पानी की पूर्ति की जाती है, उसे सिंचाई कृषि कहते हैं ।

????राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई कुओं एवं नलकूपों से की जाती है । दूसरा नंबर नहरों का आता है ।

????राजस्थान में सर्वाधिक सिंचाई झालावाड़, कोटा, भरतपुर ,धौलपुर, करौली इत्यादि जिलों में होती है ।

????राज्य के उत्तर में स्थित श्री गंगानगर व हनुमानगढ़ जिलों में नहरों द्वारा सिंचाई की जाती है ।

????राजस्थान में तालाबों से सर्वाधिक सिंचाई भीलवाड़ा में ,कुओं एवं नलकूपों से जयपुर में तथा नहरों से सर्वाधिक सिंचाई श्रीगंगानगर जिले में होती है ।

3. शुष्क कृषि –

????राजस्थान की उन भागों में यह कृषि होती है ,जहां 50 सेमी. से कम औसतन वार्षिक वर्षा होती है ।

????शुष्क कृषि की प्रमुख फसल बाजरा, ग्वार, मोठ है।

????पश्चिमी राजस्थान में कृषि सर्वाधिक होती है ।

4. आर्द्र खेती –

????यह कृषि 100 सेमी. से अधिक वर्षा वाले स्थानों पर होती है ।

????ऐसे भागों में झालावाड़, बाराँ, कोटा तथा बनास व साबरमती के क्षेत्र सम्मिलित हैं ।

????इन प्रदेशों में काली व काँप मिट्टी पाई जाती है ।

राजस्थान में फसलों के प्रकार – 

खरीफ ( स्यालू) जून-जुलाई व अक्टूबर-नवंबर कपास ,ज्वार, मक्का, बाजरा ,मूंगफली ,सोयाबीन, चावल ,तुअर, तिल ,गन्ना, ग्वार, मूंग ,मोठ
रबी (उनालू ) अक्टूबर-नवंबर व मार्च-अप्रैल गेहूं ,जौ,चना, धनिया ,जीरा ,अफीम ,इसबगोल, सूरजमुखी ,तारामीरा, अलसी ,मटर ,मेथी, सरसों
जायद मई-जून तरबूज, खरबूजा, चारा, सब्जियां आदि

राजस्थान की खाद्य फसलें-

(1) अनाज– बाजरा ,गेहूं ,ज्वार ,मक्का ,जौ, चावल, रागी

(2) दालें – चना, मूंग ,उड़द ,अरहर, मोठ,चवला, मसूर, सोयाबीन, मटर

राजस्थान की प्रमुख व्यवसायिक फसलें-

(1) तिलहन – राई व सरसों, तिल, मूंगफली ,अरण्डी, सोयाबीन, अलसी, तारामीरा, सूरजमुखी ।

(2) रेशेदार फसलें – कपास,सन, जूट ।

(3) मसाला फसलें– धनिया, जीरा, मेथी, सौप, मिर्ची आदि ।

(4) औषधीय फसलें– अश्वगंधा, इसबगोल ,सफेद मुसली, गूग्गल, सर्पगंधा, मुलेठी आदि ।

(5) अन्य फसलें – गन्ना, ग्वार, मेहंदी, तंबाकू, अफीम, गुलाब ,फल एवं सब्जियाँ ।

फसलवार सकल क्षेत्र ( 2017-18)

फसल  सकल क्षेत्र %
खाद्यान्न –

अनाज – 

दालें – 

59.98%

36.60%

23.38%

तिलहन –  16.55%
फाइबर्स –  2.38%
गन्ना – 0.02%
फल –  0.15%
सब्जियाँ –  0.60%
ड्रग्स एंड नारकोटिक्स –  1.73%
चारा फसलें –  14.75%
अन्य फसलें –  0.19%

सर्वाधिक पैदावार वाले प्रथम 3 जिले –

(1) कुल खाद्यान्न –

सर्वाधिक उत्पादन वाले जिले –
(१) अलवर
(२) गंगानगर
(३) हनुमानगढ़

न्यूनतम उत्पादन करने वाले जिले –
(१) सिरोही
(२) जैसलमेर
(३) डूँगरपुर

(2) कुल अनाज –

सर्वाधिक उत्पादन वाले जिले –
(१) अलवर
(२) गंगानगर
(३) हनुमानगढ़

न्यूनतम उत्पादन करने वाले जिले –
(१) जैसलमेर
(२) सिरोही
(३) चूरू

3. कुल दालें –

सर्वाधिक उत्पादन वाले जिले –
(१) बीकानेर
(२) नागौर
(३) जोधपुर

न्यूनतम उत्पादन वाले जिले –
(१) धौलपुर
(२) राजसमंद
(३) सिरोही

4. कुल तिलहन

सर्वाधिक उत्पादन वाले जिले –
(१) बीकानेर
(२) जोधपुर
(३) भरतपुर

न्यूनतम उत्पादन वाले जिले –
(१) राजसमंद
(२) उदयपुर
(३) सिरोही

राजस्थान की प्रमुख फसलें (2017-18)

फसल 

सर्वाधिक उत्पादन वाले जिले

प्रथम   द्वितीय तृतीय
चावल  बूंदी ,हनुमानगढ़, कोटा
ज्वार  अजमेर ,भीलवाड़ा, भरतपुर
बाजरा  अलवर ,जयपुर, जोधपुर
मक्का  भीलवाड़ा ,चित्तौड़ ,उदयपुर
मिलेट्स  डूँगरपुर, बाँसवाड़ा, जालौर
गेहूं  हनुमानगढ़, गंगानगर ,अलवर
जौ  गंगानगर ,जयपुर ,सीकर
मूँग  नागौर ,जोधपुर, अजमेर
उड़द  बाराँ, बूंदी ,कोटा
मोठ  बीकानेर, चूरू, जोधपुर
चवला  सीकर, झुंझुनू, जयपुर
तुअर  बाँसवाड़ा, उदयपुर ,डूँगरपुर
चना  बीकानेर ,पाली, बाराँ
मटर  जयपुर ,नागौर, सीकर
मसूर  झालावाड़, प्रतापगढ़ ,भीलवाड़ा
राई और सरसों  अलवर ,भरतपुर, गंगानगर
तारामीरा  पाली, गंगानगर ,टोंक
अलसी  प्रतापगढ़ ,नागौर, बाराँ
कपास  हनुमानगढ़, गंगानगर ,भीलवाड़ा
सनहेम्प  उदयपुर, सवाई माधोपुर ,भीलवाड़ा
गन्ना  गंगानगर, चित्तौड़गढ़, बूंदी
ग्वार सीड  बीकानेर ,गंगानगर, हनुमानगढ़
मेहंदी  पाली, जोधपुर, भीलवाड़ा
मिर्च  सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा, जालौर
धनिया  झालावाड़,बाराँ, कोटा
जीरा  जोधपुर, बाड़मेर, जालौर
मेथी  बीकानेर, जोधपुर, सीकर
हल्दी  बूंदी ,उदयपुर, चित्तौड़गढ़ /डूंगरपुर
अदरक  उदयपुर, डूंगरपुर, प्रतापगढ़
सौंफ  नागौर ,जोधपुर, पाली
लहसुन  बाराँ, कोटा ,झालावाड़
अजवाइन चित्तौड़गढ़, राजसमंद, भीलवाड़ा
पपीता  सिरोही ,बूँदी, जालौर
आलू  धौलपुर, भरतपुर ,हनुमानगढ़
प्याज  जोधपुर, सीकर ,नागौर
शकरकंद  सीकर ,जालौर, धौलपुर
सिंघाड़ा  सवाई माधोपुर, धौलपुर, बूँदी
तंबाकू  जालौर, झुंझुनू ,अलवर
ईसबगोल  बाड़मेर, जालौर, नागौर

????राज्य की कृषि योग्य सर्वाधिक व्यर्थ भूमि जैसलमेर में है ।

????कृषि जलवायु खंड 10 है ।

????सर्वाधिक कुल कृषित क्षेत्रफल वाला जिला बाड़मेर है ।

????सबसे कम कुल कृषित क्षेत्रफल वाला जिला राजसमंद है ।

????राज्य में सर्वाधिक सिंचित क्षेत्रफल जिले के कृषि क्षेत्र के प्रतिशत के रूप में गंगानगर जिले (87℅) में है तथा न्यूनतम चुरू जिले में (5℅) है ।

????राज्य का बाजरा ,सरसों ,धनिया ,जीरा, मैथी, ग्वार व मोठ के उत्पादन में भारत में प्रथम स्थान है ।

????जैतून उत्पादन के मामले में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर हैं ।

????चना ,तिलहन, दलहन के उत्पादन के मामले में राज्य भारत में दूसरे स्थान पर हैं ।

????खाद्यान्न के मामले में राज्य भारत में चौथे स्थान पर है ।

????गेहूं के मामले में राज्य भारत में पांचवें स्थान पर हैं ।

????मक्का उत्पादन के मामले में राज्य देश में छठे स्थान पर हैं ।

????हरित ,पीत, नीली व श्वेत क्रांति के बाद अब प्रोटीन क्रांति लाने हेतु दलहन उत्पादन को बढ़ावा दिया जाएगा ।

राजस्थान के शस्य जलवायु के खंड –

वर्तमान में राज्य के विभिन्न जलवायुविक क्षेत्रों में 10 एटीसी स्थापित है ।

जलवायुविक क्षेत्र ग्राह्य परीक्षण केंद्र   जिलें
शुष्क मैदानी पश्चिमी क्षेत्र (IA) रामपुरा (जोधपुर) बाड़मेर एवं जोधपुर जिले के कुछ भाग
सिंचित मैदानी उत्तरी पश्चिमी क्षेत्र (IB) श्रीकरणपुर एवं हनुमानगढ़ श्री गंगानगर व हनुमानगढ़
शुष्क मैदानी पश्चिमी क्षेत्र (IC) लूणकरणसर जैसलमेर, बीकानेर व चूरू का कुछ भाग
अंत: स्थलीय जलोत्सरण के अंर्तवर्ती मैदानी क्षेत्र (IIA) आबूसर (झुंझुनू ) नागौर, सीकर, झुंझुनू एवं चुरू जिले के कुछ भाग
लूनी नदी का अंतवर्ती मैदानी क्षेत्र (IIB) सुमेरपुर (पाली ) जालौर ,पाली एवं सिरोही तथा जोधपुर जिले के कुछ भाग
अर्द्धशुष्क पूर्वी मैदानी क्षेत्र (IIIA) तबीजी जयपुर ,अजमेर ,दौसा एवं टोंक
बाढ़ संभाव्य पूर्वी मैदान (IIIB) मलिकपुर (भरतपुर ) अलवर ,भरतपुर ,धौलपुर ,करौली एवं सवाई माधोपुर
अर्द्ध आर्द्र दक्षिणी मैदानी क्षेत्र एवं अरावली पहाड़ी क्षेत्र (IVA) चित्तौड़गढ़ भीलवाड़ा ,राजसमंद, चित्तौड़गढ़ तथा उदयपुर एवं सिरोही जिले के कुछ भाग
आर्द्र दक्षिणी मैदानी क्षेत्र (IVB) एटीसी कार्यरत नहीं बांसवाड़ा ,डूंगरपुर, प्रतापगढ़ एवं उदयपुर जिले की कुछ भाग
आर्द्र दक्षिणी पूर्वी मैदान क्षेत्र (V) छत्रपुरा कोटा, झालावाड़, बूंदी व बाराँ

Rajasthan ki krishi GK For Reet Exam

राज्य में प्रमुख कृषि अनुसंधान केंद्र –

1. खजूर एवं अनुसंधान केंद्र- बीकानेर

2. राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र -सेवर (भरतपुर )

3. राष्ट्रीय बीजीय मसाला केंद्र -तबीजी (अजमेर )

4. केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र- दुर्गापुरा (जयपुर)

5. सूरतगढ़ कृषि फार्म- गंगानगर

6. जैतपुर कृषि फार्म- गंगानगर (एशिया का सबसे बड़ा कृषि फार्म 1956 में कनाडा व रूस के सहयोग से )

7. चावल व मक्का अनुसंधान केंद्र – बांसवाड़ा

8. बाजरा अनुसंधान केंद्र- मंडोर (जोधपुर )

9. ईसबगोल अनुसंधान केंद्र- मंडोर( जोधपुर )

10. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र उद्यानिकी अनुसंधान केंद्र- बीकानेर

11. अंतर्राष्ट्रीय उद्यानिकी नवाचार एवं प्रशिक्षण केंद्र – जयपुर

12. हाईटेक एग्रो हार्टी रिसर्च एवं डेमोन्सट्रेशन सेंटर -बस्सी (जयपुर )

13. राष्ट्रीय उद्यानिकी अनुसंधान विकास फेडरेशन -किशनगढ़बास ( अलवर )

14. सिंचाई प्रबंध एवं प्रशिक्षण संस्थान – कोटा

15. केंद्रीय मरूक्षेत्र अनुसंधान (काजरी) संस्थान – जोधपुर

विभिन्न फसलों के उत्पादन हेतु स्थानों के उपनाम –

????राजस्थान का गौरव – बाजरा

????अन्न भंडार – गंगानगर

????राजस्थान का राजकोट –लूणकरणसर (बीकानेर )

????राजस्थान का नागपुर — झालावाड़

????मेहंदी के लिए प्रसिद्ध –सोजत (पाली )

????लाल सुर्ख मेहंदी के लिए प्रसिद्ध – गिलुंड (राजसमंद )

????हरी मेथी के लिए प्रसिद्ध – ताऊसर (नागौर )

????लाल मिर्च— मथानिया (जोधपुर )

????चैती (दमश्क) गुलाब की खेती- खमनौर व नाथद्वारा (राजसमंद )

????काला सोना —अफीम (चित्तौड़गढ़ ,कोटा, झालावाड़ )

????पीला सोना — जोजोबा [ ढण्ड (जयपुर ) व फतेहपुर (सीकर )] – सौंदर्य सामग्री के लिए उपयोग

????जेट्रोफा (रतनजोत ) – बायोडीजल के लिए [ कृषि फार्म लाडनूं (नागौर )]

प्रमुख कृषि क्रांतियाँ –

1. हरित क्रांति – खाद्यान्न (गेहूं, चावल )

2. पीली क्रांति —तिलहन उत्पादन

3. श्वेत क्रांति —-दुग्ध उत्पादन

4. नीली क्रांति—- मत्स्य उत्पादन

5. भूरी क्रांति –उर्वरक उत्पादन

6. लाल क्रांति –माँस/ टमाटर उत्पादन

7. गोल क्रांति –आलू उत्पादन

8. रजत क्रांति –अंडा /मुर्गी पालन

9. गुलाबी क्रांति —-झींगा उत्पादन

10. गोल्डन /सुनहरी क्रांति –फल उत्पादन

11. ब्राउन क्रांति —बेकरीज/ चाज/ चॉकलेट

12. खाद्य श्रृंखला क्रांति – कृषक की 2020 तक आमदनी दोगुनी करना

13. काली क्रांति – बायोडीजल/ वैकल्पिक ऊर्जा

 

राजस्थान की विशिष्ट मण्डियाँ —

मण्डियाँ  स्थान
किन्नू मंडी 
केंद्रीय कृषि फार्म सूरतगढ़, 
केंद्रीय कृषि फार्म जैतसर
गंगानगर
मूंगफली मंडी ,ऊन मंडी 
खजूर अनुसंधान केंद्र 
बैर अनुसंधान केंद्र 
बीकानेर
जीरा मंडी 
काजरी
आफरी मंडी
जोधपुर
इसबगोल मंडी भीनमाल  जालौर
फूल मंडी पुष्कर , अजमेर
अश्वगंधा मंडी 
संतरा मंडी ,भवानी मंडी
झालावाड़
धनिया मंडी (रामगंज मंडी )  बूंदी
लहसुन मंडी (छींपाबड़ोद )  बाराँ
मिर्च मंडी  टोंक
अमरूद मंडी  सवाई माधोपुर
प्याज मंडी  अलवर
जीरा मंडी (मेड़ता सिटी)  नागौर
टिण्डा मंडी शाहपुरा
आँवला मंडी चौमूँ
टमाटर मंडी (बस्सी )
जयपुर

राजस्थान में कृषि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय

1. स्वामी केशवानंद ,राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय (बीकानेर )

राज्य में प्रथम कृषि विश्वविद्यालय 1962 में उदयपुर में स्थापित किया गया , जो बाद में बहुसंकाय विश्वविद्यालय के रूप में परिणित हो गया एवं इसका नाम मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय रखा गया । 1987 में उससे कृषि संकाय अलग कर राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर की स्थापना की गई । वर्तमान में इसके अधीन राज्य के 21 जिले आते हैं एवं इसके अधीन निम्न महाविद्यालय है –

१. एसकेएन कृषि विश्वविद्यालय, जोबनेर
२. कृषि महाविद्यालय ,बीकानेर
३. कृषि व्यवसाय प्रबंध संस्थान , बीकानेर (सन् 2000)

2. महाराणा प्रताप कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय (उदयपुर )

दक्षिणी व दक्षिणी पूर्वी राजस्थान में कृषि शिक्षा विश्वविद्यालय उदयपुर अनुसंधान को अधिक प्रभावी तरीके से आगे बढ़ाने हेतु स्थापित । इसके अधीन 11 जिले आते हैं –

१. राजस्थान कृषि महाविद्यालय, उदयपुर
२. कृषि प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय ,उदयपुर

नोट – बजट 2013 -14 में कोटा ,जोबनेर- जयपुर एवं जोधपुर में कृषि महाविद्यालय , एवं भीलवाड़ा सुमेरपुर (पाली) व भरतपुर में कृषि महाविद्यालय तथा नागौर जिले के लाडनूं में कृषि विषय में डिप्लोमा कोर्स हेतु शिक्षण संस्थान की स्थापना करने की घोषणा की गई है ।

राजस्थान की कृषि अधिनियम –

(1) राजस्थान कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक, 2015

(2) राजस्थान कृषि उपज विपणन समिति (AMPC) अधिनियम

(3) राज्य की पहली कृषि नीति -26 जून 2013

 

राजस्थान की कृषि विकास हेतु प्रयासरत संस्थान

नाम  उद्देश्य
राजस्थान राज्य सहकारी क्रय विक्रय संघ लि. (RAJFED) प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से राज्य के किसानों को उचित मूल्य पर विभिन्न कृषि उत्पादों की खरीद, बिक्री की समुचित व्यवस्था करने के लिए 26 नवंबर 1957 को इसकी स्थापना की ।
कृषि विपषन निदेशालय 1980 में स्थापना । राष्ट्रीय कृषि आयोग की सिफारिश पर कृषकों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाने ।
राजस्थान राज्य भंडारण निगम 30 दिसंबर 1957 को स्थापना । इसका उद्देश्य कृषि उत्पादों एवं कृषि यंत्रों के भंडारण हेतु वैज्ञानिक पद्धति से गोदामों व भंडार गृहों की स्थापना एवं रखरखाव करना है ।
राजस्थान राज्य बीज निगम 28 मार्च 1978 को स्थापना । विश्व बैंक की राष्ट्रीय बीज योजना के द्वितीय चरण में उत्तम गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन, विपणन एवं विधायन करना है ।
श्रीगंगानगर कोटन कॉम्पलेक्स 1989 में स्थापना । इसका उद्देश्य राज्य के कपास उत्पादक किसानों को कपास की पैदावार बढ़ाने हेतु प्रेरित करने व सहकारी क्षेत्र में कपास की जीनिंग व प्रेसिंग से लेकर धागा तैयार करने की प्रक्रिया के संचालन हेतु विश्व बैंक की आर्थिक सहायता से स्थापित करना है ।
तिलम संघ लिमिटेड 3 जुलाई 1990 को स्थापना । इसका उद्देश्य राज्य में तिलहन फसलों को पैदावार बढ़ाने , सहकारी क्षेत्रों में तिलहनों को खरीद करने तथा विधायन कर उचित मूल्य पर शुद्ध खाद्य तेल उपलब्ध करवाना है ।

इसके अधीन 8 परियोजनाएँ – कोटा, बीकानेर (विश्व बैंक की सहायता ), गंगापुर सिटी व झुंझुनू (यूरोपियन आर्थिक ) , जालौर ,मेड़ता सिटी ,फतेहनगर, गंगानगर में स्थापित की गई ।

राजस्थान राज्य सहकारी स्पिनिंग व जीनिंग मिल्स फेडरेशन लि., जयपुर 7 मार्च 1992 को स्थापना । इसका उद्देश्य कपास का अत्यधिक उत्पादन ,उन्नत तकनीक के प्रयोग तथा प्रभावी विपणन को बनाए रखना है ।

इसके अंतर्गत गुलाबपुरा ,हनुमानगढ़ एवं गंगापुर (भीलवाड़ा) की तीन सहकारी कताई मिलों एवं गुलाबपुरा की जीनिंग मिल को मिलाकर स्पिनफैड की स्थापना की गई है ।

राजस्थान राज्य कृषि विपणन बोर्ड 6 जून 1974 को स्थापना । इसका उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलवाने हेतु कृषि उपज मंडियों की स्थापना व ग्रामीण सड़कों का निर्माण व रखरखाव करना है ।
राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लि. ,नई दिल्ली 2 अक्टूबर 1958 को स्थापना । इसका उद्देश्य कृषि उत्पादक सहकारी विपणन को प्रोत्साहन देने एवं कृषकों को समुचित मूल्य पर कृषि आदान व उपकरण उपलब्ध कराना
काजरी ,जोधपुर 1959 में स्थापना । इसका उद्देश्य शूष्क एवं अर्द्ध शुष्क क्षेत्रों में वन संपदा व कृषि का विकास करने हेतु पेड़-पौधों ,चारागाह ,भूमि, मृदा तथा पानी के संबंध में अध्ययन करना है ।
राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम 1963 में स्थापना । किसानों को विभिन्न कृषि अदानों- बीज,उर्वरक इत्यादि की आपूर्ति सहकारी समितियों के द्वारा करने एवं उनकी फसलोंपरांत आवश्यकताओं जैसे कृषि -उत्पादों के विपणन, भंडारण व प्रक्रियाकंन को पूर्ण करने हेतु संसद के अधिनियम द्वारा 1963 में स्थापित ।
राष्ट्रीय बीज निगम उन्नत व संकर किस्म के बीजों का वृहद् पैमाने पर उत्पादन ,भंडारण एवं आपूर्ति करने के उद्देश्य से मार्च 1963 में स्थापित किया गया ।
भारतीय खाद्य निगम 1964 में स्थापित । किसानों को उपज का उचित न्यूनतम मूल्य , खाद्यान्न उपलब्ध कराने तथा देश में खाद्यान्न सुरक्षित भंडार करने हेतु स्थापित ।
राज्य कृषि उद्योग निगम 1965 में स्थापित । कृषि संबंधी कार्य हेतु किसानों तक पहुंच बढ़ाने के लिए स्थापित ।
कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) 1965 में स्थापित । इसका उद्देश्य कृषिगत मूल्यनीति के संबंध में सरकार से परामर्श करना,न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा प्रतिवर्ष वसूली के लक्ष्यों को निर्धारित करना है ।
इफको (IFFCO) 3 नवंबर 1967 को स्थापित । किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले उर्वरकों की पूर्ति करना ।
इसके चार खाद के कारखाने हैं – गुजरात में कलोल व कांडला तथा उत्तर प्रदेश में फूलपुर व ओनला
कृषिगत वित्त निगम स्थापना अप्रैल 1968 । व्यापारिक बैंकों को कृषिगत साख बढ़ाने में सहायता करना ।
राज. राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था 30 दिसंबर 1977 को स्थापना । राज्य में सभी प्रकार की अधिसूचित किस्मों को बीजों का प्रमाणित करना ।
कृभको (KRIBHCO) 17 अप्रैल 1980 को स्थापना । देश में उन्नत किस्म के रसायनिक उर्वरकों तथा अन्य कृषि आदानों के उत्पादन, समुचित मूल्य पर किसानों को वितरण करने ,आधुनिक कृषि को प्रोत्साहन देने के लिए ।
राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक(नाबोर्ड) मुंबई 12 जुलाई 1982 को स्थापना । कृषि के उत्थान एवं ग्रामीण कुटीर उद्योगों के विकास हेतु बैंकों को पुनर्वित प्रदान करने हेतु राष्ट्रीय बैंक अधिनियम 1981 के तहत स्थापित ।
चौधरी चरणसिंह राष्ट्रीय कृषि विपणन संस्थान जयपुर (NIAM) 8 अगस्त 1988 को स्थापना । कृषि विपणन के क्षेत्र में प्रशिक्षण ,शोध व परामर्श आदि सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से स्थापित ।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् इस परिषद द्वारा राजस्थान में कृषि विकास हेतु निम्न अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई है –
१. राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र सेवर (भरतपुर )
२. केंद्रीय शुष्क क्षेत्र उद्यानिका अनुसंधान केंद्र बीकानेर
३. केंद्रीय मरू क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) जोधपुर

 

राज्य की कृषि नीति –

????अध्यक्ष – डॉ आर एस पुरौदा
????मंजूरी – 26 जून 2013
????लक्ष्य— 4% की वार्षिक कृषि विकास दर
????उद्देश्य
(१)वन चारागाही पद्धति को बढ़ावा ।
(२) नवीन वैज्ञानिक भू-उपयोग योजना व समन्वित कृषि प्रणाली को अपनाना ।
(३) खाद्य व पोषण सुरक्षा को उच्च प्राथमिकता ।
(४) आधारभूत सुविधाएं विशेषकर विपणन, शीतभंडारण व्यवस्था, ग्रामीण प्रसंस्करण, इकाइयों व निर्यात आदि सुविधाओं का विकास करना ।
(५) मिश्रित कृषि व अन्तरशस्य फसलों को प्रोत्साहन ।

महत्वपूर्ण तथ्य –

????बीज विधायन केंद्र – बस्सी में ढिंढोल कृषि फार्म में 4 जनवरी 2015 को स्थापित ।

????इंडो इजरायल संतरा उत्पादन कार्यक्रम – कोटा में नान्ता कृषि फार्म में उत्कृष्टता केंद्र शुरू किया गया है ।

????कृषि वानिकी नीति – 6 फरवरी 2014 को अनुमोदित । उद्देश्य- भूमि उपयोग प्रणाली को बढ़ावा देना ।

????जैतून तेल रिफाइनरी – देश की पहली जैतून तेल की रिफाइनरी लूणकरणसर में स्थापित की जा रही है । 3 अक्टूबर 2014 को इस रिफाइनरी का उद्घाटन किया गया । जैतून तेल को प्रदेश में राज अॉलिव ब्रांड नाम से बेचा जाएगा । विश्व में सबसे ज्यादा 41% जैतून तेल का उत्पादन स्पेन में हो रहा है ।

राजस्थान कृषि बजट 2020 – 21

????वर्ष 2020- 21 में कृषि विभाग के लिए 3420 करोड 6 लाख रूपए का प्रावधान ।

????कृषि क्षेत्र में सोलर पंपों की स्थापना में देश में प्रथम स्थान राजस्थान का है ।

????खजूर की खेती को बढ़ावा देने के लिए आगामी 4 वर्षों में जैसलमेर, बीकानेर, जोधपुर, बाड़मेर, नागौर ,चूरू ,गंगानगर ,हनुमानगढ़, पाली, जालौर, सिरोही, व झुंझुनूं जिलों में 1500 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को खजूर की खेती में लाया जाएगा।

????किसानों को किराए पर खेती संबंधी यंत्र उपलब्ध करवाने के लिए केवीएसएस या जीएसएस के माध्यम से मांग के अनुसार 100 कस्टम हायरिंग केंद्रों की स्थापना की जाएगी ।

????प्रदेश में 44 नई स्वतंत्र मंडीयां स्थापित की जाएगी।

????किसानों की आय में वृद्धि, विपणन व्यवस्था में आधारभूत परिवर्तन, कृषि को जोखिम रहित बनाने, किसानों एवं खरीदार के मध्य लाभकारी व्यवस्था स्थापित करने की दृष्टि से दो नवीन अधिनियम “राजस्थान राज्य कृषि उपज अधिनियम 2020 “ एवं ” राजस्थान कृषि उपज संविदा खेती एवं सेवाएं अधिनियम 2020″ लाए जा रहे हैं ।

????फसली ऋणों में भेदभाव को खत्म करने के लिए सहकारी फसली ऋण ऑनलाइन पंजीयन एवं वितरण योजना 2019 लागू की गई ।

????वर्ष 2019-20 में प्रचलित मूल्यों पर सकल राज्य मूल्यवर्धन में कृषि क्षेत्र का योगदान 25. 56% है ।

????राज्य का कुल प्रतिवेदित भौगोलिक क्षेत्रफल वर्ष 2017 -18 में 342.87 लाख हेक्टेयर है । इसमें से 8.04% क्षेत्रफल वानिकी के अंतर्गत ,5.78% क्षेत्रफल कृषि के अतिरिक्त अन्य उपयोगी भूमि के अंतर्गत ,6.95℅ क्षेत्रफल ऊसर तथा कृषि योग्य भूमि के अंतर्गत , 4.88℅ क्षेत्रफल स्थाई चारागाह तथा अन्य गोचर भूमि के अंतर्गत , 0.07℅ क्षेत्रफल वृक्षों के झुंड तथा बाग के अंतर्गत , 11.17℅ क्षेत्रफल बंजर भूमि के अंतर्गत , 5.81℅ क्षेत्रफल अन्य चालू पड़त भूमि के अंतर्गत , 5.08℅ क्षेत्रफल चालू पड़त के अंतर्गत एवं 52.22℅ क्षेत्रफल शुद्ध बोया गया के अंतर्गत है ।

????राज्य में कृषि गणना 2015 -16 प्रावधानिक संमकों के अनुसार कुल प्रचालित जोतधारकों की संख्या 76.55 लाख है ।

 

????मुख्यमंत्री बीज स्वावलंबन योजना

इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषकों को द्वारा स्वयं के खेतों में अच्छी किस्म के बीज निर्माण को बढ़ाना है । प्रारंभ में योजना कोटा, भीलवाड़ा ,उदयपुर जलवायुविक खंडों में शुरू किया गया । वर्ष 2018-19 से योजना राज्य के समस्त 10 कृषि जलवायुविक खंडों में क्रियान्वित की जा रही है ।

????जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग

प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने हेतु जीरो बजट नेचुरल फार्मिंग को प्रोत्साहन । इस खेती में पारंपरिक तरीके, कम सिंचाई एवं प्राकृतिक खाद का प्रयोग होता है । योजना का प्रारंभ बाँसवाड़ा, टोंक एवं सिरोही जिलों की 36 ग्राम पंचायतों में किया जाएगा ।

????राजस्थान कृषि प्रतिस्पर्धा योजना

कृषि उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने ,कृषकों की आय में वृद्धि ,जलवायु प्रतिरोध क्षमता युक्त कृषि में सिंचाई जल के उपयोग को कम करने, कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण एवं मूल्य संवर्धन बढ़ाने के उद्देश्य से विश्व बैंक पोषित यह परियोजना राज्य के 17 जिलों में 17 चयनिक कलेक्टरों में क्रियान्वित की जा रही है ।

????कृषक कल्याण कोष

किसानों के लिए “Ease of doing Business” की तर्ज पर “Ease of doing Farming” के लिए 1000 करोड रुपए के “कृषक कल्याण कोष (K-3) का 16 दिसंबर 2019 को गठन किया गया ।

????राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन

भारत सरकार ने वर्ष 2015 -16 के दौरान वित्त पोषण पैटर्न में परिवर्तन करें केंद्रीयांश एवं राज्यांश का अनुपात 60: 40 कर दिया है ।

राज्य में गेहूं के लिए 14 जिलों – बाँसवाड़ा, भीलवाड़ा, बीकानेर ,जयपुर ,झुंझुनू ,जोधपुर, करौली ,नागौर ,पाली, प्रतापगढ़, सवाई माधोपुर, सीकर ,टोंक एवं उदयपुर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन को लागू किया गया है ।

राज्य में मोटे अनाज वाली फसलों के लिए 11 जिलों – अजमेर, बाँसवाड़ा, भीलवाड़ा ,चित्तौड़गढ़, श्री गंगानगर, डूंगरपुर ,हनुमानगढ़ ,जयपुर ,नागौर सीकर तथा उदयपुर में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन क्रियान्वित किया जा रहा है ।

????राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन न्यूट्रिसीरियल

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन न्यूट्रीसीरियल योजना एक केंद्रीय प्रवर्तित योजना के रूप में राज्य में वर्ष 2018 -19 में प्रारंभ की गई ।

????राष्ट्रीय तिलहन व ऑयल पॉम मिशन

भारत सरकार ने वर्ष 2015 -16 में वित्त पोषण पैटर्न में परिवर्तन कर केंद्रीयांश एवं राज्यांश का अनुपात 60:40 कर दिया है ।

????राष्ट्रीय कृषि विस्तार व तकनीकी मिशन

राष्ट्रीय कृषि विस्तार एवं तकनीकी मिशन के अंतर्गत 5 उपमिशन सम्मिलित किए गए हैं –
१. कृषि विस्तार पर उपमिशन
२. बीज एवं रोपण सामग्री पर उप मिशन (SMSP)
३. कृषि यंत्रीकरण पर उपमिशन
४. पौध संरक्षण एवं पौध संगरोध पर उपमिशन
५. कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस प्लान

????राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन

राष्ट्रीय टिकाऊ खेती मिशन के अंतर्गत 4 सबमिशन सम्मिलित किए गए हैं –
१. वर्षा आधारित क्षेत्र विकास
२. जलवायु परिवर्तन तथा टिकाऊ खेती
३. मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन एवं मृदा स्वास्थ्य कार्ड
४. परंपरागत कृषि विकास योजना (60:40)

????प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पूरे राज्य में वर्ष 2015 -16 से क्रियान्वित की जा रही है योजना का वित्त पोषण पैटर्न साधन 60:40 है ।

????प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)-

मौसम आधारित फसल बीमा योजना एवं संशोधित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को वर्ष 2016- 17 से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत पुनर्गठित किया गया है ।

यह योजना खरीफ ,2016 से क्रियान्वित की गई है । प्रीमियम राशि के अंतर्गत कृषि खरीफ फसल में 2% ,रबी में 1.5% एवं उद्यानिकी व वाणिज्यक के फसलों के लिए 5% ली जाकर फसल का बीमा किया जा रहा है ।

????राष्ट्रीय बागवानी मिशन

राज्य में चयनित 24 जिले – जयपुर, अजमेर, अलवर ,चित्तौड़गढ़, कोटा, बाराँ, झालावाड़, जोधपुर ,पाली, जालौर, बाड़मेर, नागौर, बांसवाड़ा, टोंक, करौली ,सवाई माधोपुर ,उदयपुर डूंगरपुर भीलवाड़ा ,बूंदी ,झुंझुनू, सिरोही ,जैसलमेर एवं गंगानगर में विभिन्न उद्यानिकी फसलों यथा – फल ,मसाला व फूलों की क्षेत्रफल, उत्पादन व उत्पादकता में वृद्धि की गई ।

????राष्ट्रीय कृषि वानिकी एवं बम्बू मिशन

इस मिशन के अंतर्गत बांस की खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य के करौली, सवाई माधोपुर, उदयपुर ,चित्तौड़गढ़ ,बांसवाड़ा ,डूंगरपुर, सिरोही, बाराँ, झालावाड़ ,भीलवाड़ा ,राजसमंद एवं प्रतापगढ़ जिलों को सम्मिलित किया गया ।

????राष्ट्रीय आयुष मिशन

औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार द्वारा 2009-10 में प्रारंभ किया गया ।

????कृषि विपणन

“राजीव गांधी कृषक साथी योजना” के अंतर्गत कृषको /खेतिहर मजदूरों एवं हम्मालों आदि को कार्यस्थल पर दुर्घटनावश मृत्यु होने पर सहायता राशि ₹100000 से बढ़ाकर ₹200000 कर दी गई है ।

राज्य में सुपर ‘अ’ एवं ‘ब’ श्रेणी की मंडियों के प्रांगण में अपनी उपज विक्रय करने हेतु आने वाले कृषकों को अनुदानित दर पर गुणवत्तापूर्ण भोजन करवाने के उद्देश्य से “किसान कलेवा योजना” प्रारंभ की गई है ।

राज्य में ‘महात्मा ज्योतिबा फुले मंडी श्रमिक कल्याण योजना 2015’ लागू की गई है । इस योजना की मुख्य विशेषताएं निम्न है –
१. प्रसूति सहायता (45 दिन का अवकाश )
२. विवाह के लिए सहायता (₹50000 )
३. छात्रवृत्ति /मेधावी छात्र पुरस्कार योजना (60% अंक )
४. चिकित्सा सहायता ( ₹20000 )

इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में उपलब्ध भूमि सामान्य और विशेष आवंटन के अंतर्गत 50 :50 के अनुपात में उपनिवेशन विभाग द्वारा आवंटित की जाती है ।

भारत सरकार द्वारा आईडब्ल्यूएमपी योजना का नाम परिवर्तित करके प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना कर दिया गया है । इसके अंतर्गत 60% राशि केंद्र सरकार एवं शेष 40% राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी ।

????मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान

27 जनवरी 2016 को राज्य में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान प्रारंभ किया गया , जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की न्यूनतम आवश्यकताओं की पूर्ति ,जल उपलब्धता एवं अकाल के दौरान पानी के अभाव से उत्पन्न समस्याओं का निराकरण करना है ।

????मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना 2015

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 फरवरी 2015 को राजस्थान के गंगानगर जिले के सूरतगढ़ में सोयल हेल्थ कार्ड स्कीम (मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना ) का शुभारंभ किया । इसके अंतर्गत किसानों के खेत से मिट्टी लेकर जांच की जाएगी और यह बताया जाएगा कि किस चीज की कमी है ।

राजस्थान कृषि से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य –

????कृषि तथा पशुपालन को साथ-साथ मिश्रित कृषि कहते हैं ।

????राजस्थान की कृषि मानसून की अनियमितता, अनिश्चितता ,असमानता से हमेशा प्रभावित रहती है ।

????खेत जोतने से पहले खेत के झाड़- झंकाड़ साफ करने को सूंड़ कहते हैं ।

????सन् 1962 में उदयपुर में कृषि अनुसंधान केंद्र की स्थापना हुई । सन् 1986 में से जयपुर स्थानांतरित किया गया । सन् 1991-92 में इसे बीकानेर (वर्तमान ) में स्थापित किया गया।

????बाजरा का जन्म स्थान अफ़्रीका को माना जाता है ।

????बाजरा उत्पादन की दृष्टि से राजस्थान का प्रथम स्थान है ।

????बाजरे में ग्रीन ईयर रोग लगता है ।

????बाजरे की किस्में – ICTP 8203,RHB 58, WCC 75, CM 46, राज 171,

????मक्का का जन्म स्थान अमेरिका माना जाता है ।

????मक्के की हरी पत्तियों से साइलेज नामक चारा बनाया जाता है ।

????“माही कंचन नवजोत” मक्के की उत्तम किस्म है ।

????ज्वार को सोरगम भी कहा जाता है ।

????चावल की मुख्य किस्में माही, सुगंधा, चंबल, रत्ना, बीके 190 है ।

????सोयाबीन में सर्वाधिक प्रोटीन पाया जाता है ।

????श्रीगंगानगर को धान का कटोरा भी कहते हैं ।

????जौ को गरीब का खाद्यान्न भी कहा जाता है ।

????गेहूं और जौ को साथ बोने पर इस फसल को गौचनी कहते हैं ।

????जौ से शराब व बीयर भी बनाई जाती है ।

????पुसा बोल्ड सरसों की किस्म है ।

????केंद्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र राज्य में सेवर (भरतपुर) में स्थापित किया गया है ।

????कपास को स्थानीय भाषा में “बणिया” कहते हैं ।

????गन्ने में मुख्य रोग पाईरिला, कण्डवा, रेडक्रॉस है ।

????तंबाकू का पौधा भारत में पुर्तगाली द्वारा लाया गया था ।

????इसबगोल को स्थानीय भाषा में ‘घोड़ा-जीरा’ भी कहते हैं ।

????अफीम को ‘काला सोना’ भी कहा जाता है ।

????अफीम की फसल में ‘मस्सी’ नामक रोग लगता है ।

????होहोबा का वानस्पतिक नाम ‘सायमन्डेसिया चायनेन्सि‘ है ।

????जालौर मादक पदार्थों के उत्पादन में अग्रणी है ।

????1966-67 ई. में स्वामीनाथन के प्रयासों से ही भारत में हरित क्रांति पर हुई , जिसका सर्वाधिक प्रभाव गेहूं पर पड़ा । हरित क्रांति का जनक नार्मन बोरलॉग है ।

????राजस्थान में समग्र मसालों के उत्पादन में कोटा अग्रणी है ।

????उद्यान निदेशालय की स्थापना राज्य में 1989- 90 में की गई ।

????‘एजोर्प प्रोजेक्ट’ होहोबा की कृषि से संबंधित है ।

Rajasthan ki krishi GK For Rajasthan Patwari Exam

इन्हें भी देखें-

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