Bharat ke Pramukh Pathar
पठार – पृथ्वी के धरातल का विशिष्ट स्थलरूप जो अपने आसपास के स्थल से पर्याप्त ऊँचा हो तथा शीर्ष भाग चौड़ा एवं सपाट हो पठार ( Plateau) कहलाता है ।
पठार का विस्तार समस्त भूपटल पर लगभग 33% भाग पर है , जो द्वितीय श्रेणी के उच्चावच है ।पठार कभी-कभी मैदानों से नीचे होते हैं या पर्वतों से भी ऊँचे होते हैं ।

प्रायद्वीपीय पठारी प्रदेश :-
- यह देश का सबसे बड़ा भौतिक प्रदेश है ।
- गोंडवाना लैंड का अवशेष ।
- प्राचीन पठारें आग्नेय शेलों द्वारा हुई है ।
- आकार – त्रिभुजाकार
- क्षेत्रफल – 16 लाख वर्ग किमी
- पठारी क्षेत्र – 27.7 %
प्रमुख पठार निम्न है –
1. मालवा का पठार
🔹यह राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं गुजरात में फैला हुआ है ।
🔹लावा से निर्मित काली मृदा से बना है ।
🔹ग्रेनाइट चट्टानों से बना है ।
🔹इस पर बेतवा, पार्वती, कालीसिंध, चंबल व माही नदियां प्रवाहित होती है ।
🔹चंबल के बीहड़ विस्तृत हैं ।
🔹औसत ऊंचाई 500 मीटर है एवं इसका ढलान उत्तर की ओर है ।
2. बुंदेलखंड का पठार
🔹यह पठार ग्वालियर पठार तथा विद्य्यांचल पठार के बीच विस्तृत हैं ।
🔹नीस चट्टानों से निर्मित है ।
🔹सोपानी वेदिकाएँ मिलती है ।
🔹यहां पश्चिमी भाग में बालूका पत्थर व चूने का पत्थर मिलता है ।
🔹पूर्वी भाग में ग्रेनाइट चट्टानी मिलती है ।
🔹यह उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच में फैला हुआ है ।
3. छोटा नागपुर का पठार
🔹झारखंड में स्थित है ।
🔹दामोदर नदी इस पठार की प्रमुख नदी है । यह नदी इसकी भ्रंश घाटी से बहती है ।
🔹गोडवाना युग के कोयला भंडार ।
🔹यह पठार खनिज भंडार के नाम से जाना जाता है ।
🔹महानदी, सोन, स्वर्णरेखा व दामोदर यहां की प्रमुख नदियां हैं ।
🔹इस पठार को भारत का रूर भी कहते हैं ।
🔹रांची का पठार, हजारीबाग का पठार, कोडरमा का पठार सब इसी के अंदर हैं ।
🔹इसका कुल क्षेत्रफल 65000 वर्ग किमी है ।
🔹इसकी सबसे उच्चतम चोटी हजारीबाग पठार में पारसनाथ है ।
4. मेघालय पठार
🔹गारो- राजमहल दर्रा इसे प्रायद्वीपीय पठार के मुख्य खंड से अलग करता है ।
🔹यह गारो,खासी तथा जयंतिया पहाड़ियों से बना है।
🔹इस पठार की सबसे ऊंची चोटी नोकरेक (1421 मी.) है ।
5. दक्कन का पठार
🔹क्रिटेशियस तथा पूर्व टर्शियरी काल में होने वाली ज्वालामुखी क्रियाओं के बेसिक लावा से निर्मित हुआ है ।
🔹ताप्ती नदी इसकी उत्तरी सीमा बनाती है ।
🔹यह बेसाल्ट निर्मित पठार है ।
🔹इसकी प्रमुख नदियां- महानदी, गोदावरी, कृष्णा, कावेरी, ताप्ती आदि ।
🔹आंध्र प्रदेश में तेलंगाना का पठार तथा कर्नाटक में कर्नाटक पठार कहलाता है ।
🔹लाल बलुआ पत्थर की अधिकता पाई जाती है ।
🔹इस पठार के पूर्वी भाग को विदर्भ कहा जाता है ।
🔹दक्कन का पठार एक लंबा त्रिभुजाकार भूभाग है ।
🔹इसकी उत्तरी सीमा में सतपुड़ा व विध्य श्रेणी है , पूर्व में पूर्वी घाट तथा पश्चिमी में पश्चिमी घाट है ।
6. तेलंगाना पठार
🔹दक्कन के पठार का एक भाग जो आंध्र प्रदेश में आंतरिक क्षेत्रों को सम्मिलित करता है ।
🔹कृष्णा नदी के उत्तर में तेलंगाना का पठार है ।
🔹कृष्णा नदी का दक्षिण भाग रायलसीमा के पठारी क्षेत्र में अवस्थित है ।
7. कर्नाटक का पठार
🔹दक्कन के पठार के दक्षिण में स्थित है ।
🔹कर्नाटक के पठार में मालनाड तथा मैदान दो भू-आकृतिक क्षेत्र है ।
🔹मालनाड पश्चिमी घाट के निकट लगभग 64 किमी चौड़ी पहाड़ी तथा विच्छेदित पठारी भाग है । मैदान मालनाड के पूर्वी भाग में अवस्थित है ।
8. धारवाड़ का पठार
🔹यह पठार कर्नाटक राज्य में है ।
🔹यह परिवर्तित चट्टानों से बना है ।
🔹इस पठार के पश्चिम भाग में बाबाबुदन की पहाड़ी तथा ब्रह्मगिरि की पहाड़ी है ।