भारत के प्रमुख दर्रे (Major Passes in India in Hindi )
भारत के प्रमुख दर्रे – भारत के दर्रों को दो भागों में बांटा गया है – (१) हिमालय के पर्वतीय क्षेत्र के दर्रे
(२) प्रायद्वीपीय पठार के दर्रे
दर्रा – पहाड़ों के बीच की जगह या जहां से आवागमन के प्राकृतिक मार्ग उनको दर्रा कहा जाता है । इनका उपयोग व्यापार, परिवहन, युद्ध का अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है ।
(1) हिमालय पर्वतीय क्षेत्रों के दर्रें –
(१) जम्मू कश्मीर या लद्दाख के दर्रें :-
काराकोरम दर्रा
- ये भारत का सबसे ऊंचा दर्रा (5654 मी.) है ।
- ये लद्दाख क्षेत्र में स्थित है ।
- काराकोरम पर्वत श्रेणी में स्थित ।
- पाक अधिकृत कश्मीर तथा चीन को जोड़ता है ।
बुर्जिल दर्रा
- श्रीनगर को गिलगित से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 4100 मी. है ।
जोजिला दर्रा
- जॉस्कर पर्वत श्रेणी में स्थित ।
- कश्मीर घाटी को लेह से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 3528 मी. है ।
- इसका निर्माण सिंधु नदी द्वारा ।
पीरपंजाल दर्रा
- पीरपंजाल श्रेणी में स्थित ।
- इसकी ऊंचाई 3490 मी. है ।
- कुलगांव से कोठी जाने का रास्ता ।
बनिहाल दर्रा
- पीरपंजाल पर्वत श्रेणी में स्थित ।
- जम्मू और श्रीनगर को जोड़ता है ।
- जवाहर सुरंग इसी दर्रें में स्थित है ।
- इसकी ऊंचाई 2832 मी. है।
(२) उत्तराखंड के दर्रे :-
लिपुलेख दर्रा
- पिथौरागढ़ को तिब्बत से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 5334 मी. है ।
- कैलाश पर्वत व मानसरोवर जाने वाले यात्रियों का मार्ग ।
माना दर्रा
- माणा गांव को तिब्बत से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 5545 मी. है ।
नीति दर्रा
- उत्तराखंड को तिब्बत से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 5068 मी. है ।
(३) सिक्किम के दर्रे :-
नाथूला दर्रा
- सिक्किम को चुम्भी घाटी से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 4310 मी. है ।
जोजेप्ला दर्रा
- सिक्किम को भूटान से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 4270 मी. है ।
- तीस्ता नदी के द्वारा निर्माण ।
(४) अरुणाचल प्रदेश के दर्रे :-
बोमडिला दर्रा
- तवांग को तिब्बत से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 2217 मी. है ।
यांगयाप दर्रा
- भारत और तिब्बत की सीमा पर स्थित ।
- ब्रह्मपुत्र नदी का प्रवेश द्वार ।
दिफू दर्रा
भारत- म्यांमार सीमा पर स्थित ।
(५) मणिपुर के दर्रे :-
तुजू दर्रा
इंफाल से तामू व म्यांमार जाने का मार्ग ।
(६) हिमाचल प्रदेश के दर्रे :-
शिपकीला दर्रा
- शिमला से तिब्बत को जोड़ता है ।
- जॉस्कर पर्वत श्रेणी में स्थित ।
- इसकी ऊंचाई 4300 मी. है ।
- सतलज नदी का प्रवेश द्वार
बड़ालाचाला दर्रा
- मंडी से लेह जाने का मार्ग ।
- जॉस्कर पर्वत श्रेणी में स्थित ।
- इसकी ऊंचाई 4843 मी. है ।
रोहतांग दर्रा
- पीर पंजाल श्रेणी में स्थित ।
- मनाली को लेह से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 4620 मी. है ।
(2) प्रायद्वीपीय पठार के दर्रे –
(१) महाराष्ट्र के दर्रे :-
थालघाट दर्रा
- मुंबई को नासिक से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 583 मी. है ।
- मुंबई- नागपुर- कोलकाता रेल मार्ग तथा सड़क मार्ग ।
भोरघाट दर्रा
- मुंबई को पूणें तथा चेन्नई से जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 548 मी. है ।
- मुंबई- पुणे- बेलगांव- चेन्नई रेल मार्ग व सड़क मार्ग ।
(२) केरल के दर्रे :-
पालघाट दर्रा
- कोझिकोड व कोयंबटूर को जोड़ता है ।
- इसकी ऊंचाई 300 मी. है ।
- अन्नामलाई व नीलगिरी की पहाड़ियों के बीच स्थित है ।
- कालीकट- त्रिचूर- कोयंबटूर रेल मार्ग व सड़क मार्ग ।
शेनकोट्टा गैप
- तिरुवंतपुरम व मदुरै को जोड़ता है ।
- इलायची पहाड़ियों में स्थित ।
- इसकी ऊंचाई 210 मी. है ।