सैयद वंश का इतिहास

सैयद वंश का इतिहास : दिल्ली सल्तनत

सैयद वंश का इतिहास( Sayyid Vansh History In Hindi)

 सैयद वंश (Sayyid dynasty) की स्थापना तैमूरलंग के सेनापति खिज्र खाँ ने की । यह वंश दिल्ली सल्तनत का चौथा राजवंश था । इस वंश ने दिल्ली सल्तनत में 1414 से 1451 ई. तक शासन किया ।

सैयद वंश ( 1414-1451 ई.)

(1) खिज्र खाँ ( 1414- 21 ई.)
(2) मुबारक शाह ( 1421- 34 ई.)
(3) मुहम्मद शाह ( 1434- 45 ई.)
(4) अलाउद्दीन आलम शाह ( 1445- 50 .)

सैयद वंश के शासक –

खिज्र खाँ

  • सैयद वंश का संस्थापक खिज्र खाँ था । यह तैमूरलंग का सेनापति था । भारत से लौटते समय तैमूर लंग ने खिज्र खाँ को मुल्तान, लाहौर एवं दीपालपुर का शासक नियुक्त किया ।
  • खिज्र खाँ ने सुल्तान की उपाधि नहीं धारण की, वह रैयत-ए-आला की उपाधि से ही संतुष्ट रहा । उसने अपने सिक्कों पर तुगलक शासकों का ही नाम रहने दिया । खिज्र खाँ नियमित रूप से तैमूर के पुत्र शाहरूख को कर भेजा करता था ।
  • खिज्र खाँ की मृत्यु 20 मई 1421 ई. में हो गई ।

मुबारक शाह

  • खिज्र खाँ की मृत्यु के बाद उसका पुत्र मुबारक शाह दिल्ली की गद्दी पर बैठा और उसने शाह की उपाधि धारण की ।
  • याहिया बिन अहमद सरहिन्दी को मुबारक शाह का संरक्षण प्राप्त था । इसकी पुस्तक तारीख-ए-मुबारक-शाही में सैयद वंश के विषय में जानकारी मिलती है ।
  • इसमें यमुना नदी के किनारे 1434 ईस्वी में मुबारकबाद नामक नगर की स्थापना की ।
  • मुबारक शाह की मृत्यु 19 फरवरी 1434 ईस्वी को हो गई ।

मुहम्मद शाह

  • मुबारक शाह की मृत्यु के बाद उसका दत्तक पुत्र मोहम्मद शाह दिल्ली की गद्दी पर बैठा । इस पर वजीर सरवर- उल- मुल्क का संरक्षण प्रदान था ।
  • 1440 ईसवी में महमूद खिलजी ने मोहम्मद शाह पर आक्रमण किया , लेकिन युद्ध के बाद दोनों में संधि हो गई ।
  • मोहम्मद शाह की मृत्यु 1445 ईस्वी में हो गई ।

अलाउद्दीन आलम शाह

  • मोहम्मद शाह की मृत्यु के बाद उसका पुत्र अलाउद्दीन आलम शाह दिल्ली की गद्दी पर बैठा । सैयद वंश का अंतिम सुल्तान अलाउद्दीन अलम शाह था ।
  • उसने 1451 ईसवी में दिल्ली का राजसिंहासन बहलोल लोदी को दे दिया तथा 1457 ईस्वी में दिल्ली छोड़कर अपने प्रिय स्थान बदायूँ चला गया।
  • अलाउद्दीन आलम शाह की मृत्यु 1476 ई. में हो गई । सैयद वंश का शासन करीब 37 वर्षों तक रहा ।

इन्हें भी देखें-

Leave a Reply

Discover more from GK Kitab

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

Scroll to Top